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WHO ने कहा, कोरोना का डेल्टा स्वरूप ही अब ‘चिंता का सबब’ है

  June 03, 2021   समाचार आईडी 3252
WHO ने कहा, कोरोना का डेल्टा स्वरूप ही अब ‘चिंता का सबब’ है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि 'डेल्टा' का अब सिर्फ एक वैरिएंट ही चिंता का विषय है, जबकि बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है।

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच राहत की खबर मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में सबसे पहले मिले कोरोना के डेल्टा स्वरूप का बस एक स्ट्रेन ही अब चिंता का विषय है। उसके बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है। कोरोना के इस स्वरूप को बी.1.617 के नाम से जाना जाता है और इसी की वजह से भारत में कोरोना की दूसरी लहर में इतनी अधिक तबाही देखने को मिली। यह ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट है क्योंकि यह तीन प्रजातियों (लिनिएज) में है।

वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया और ये तीन स्वरूप बी.1.617.1, बी.1.617.2 और बी.1.617.3 में बंटा है। इससे पहले मंगलवार को प्रकाशित कोरोना साप्ताहिक अपडेट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बी.1.617.1 और बी.1.617.2 स्वरूपों के लिए उपलब्ध आंकड़ों का इस्तेमाल कर इस साल 11 मई को यह पता लगाया गया कि बी.1.617 वैश्विक ‘वैरियंट ऑफ कंसर्न’ (ऐसा स्वरूप जो चिंता का कारण है) है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि लोगों की जान को सबसे अधिक खतरा बी.1.617.2 से है जबकि, बाकी के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा जारी अपडेट में कहा गया, बी.1.617.2 अब भी वीओसी है और हम इससे संक्रमण फैलने की बढ़ती दर और इस स्वरूप से कई देशों में बढ़ते संक्रमण के मामलों पर नजर रख रहे हैं। इस स्वरूप के असर पर अध्ययन डब्ल्यूएचओ के लिए उच्च प्राथमिकता है।

बता दें कि बीते महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के इस वैरिएंट के पूरे स्ट्रेन को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंता वाला वैरिएंट बताया था। इस पर भारत सरकार ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। वहीं अब डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसका बस एक सब लिनिएज ही अब चिंता का विषय है। यानी B.1.617 वेरिएंट के तीन स्ट्रेन में से बस एक स्ट्रेन चिंता का विषय है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अब बड़े स्तर पर पब्लिक हेल्थ के लिए बी.1.617.2 ही अब चिंता का सबब है, जबकि बाकी के दो स्वरूप में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है।

कोरोना के वैरिएंट का किया नामकरण

डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को कोविड-19 के अहम स्वरूपों को नाम देने के लिए नई प्रणाली की घोषणा की और ये नाम ग्रीक वर्णमाला (जैसे कि अल्फा, बीटा, गामा आदि) पर आधारित हैं, जिससे इन्हें नाम देना और याद रखना आसान हो गया है। (source : amarujala)

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